how stop procrastinating and stick good habits using the 2 minute rule in hindi

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दोस्तों जब हम हैबिट्स की बात करते है तो हैबिट ही वह चीज है जो आपको लायक बनती है और बिगड़ती भी है।

आपने तो सुना होगा कि आज हमरी लाइफ जो भी है वह हमारी हैबिट्स का परिणाम है ।

 लेकिन होता  क्या है जब हम अच्छी आदत बनाने की कोशिश करते हैं।

कुछ दिन तो हम  बहुत motivated  रहते हैं , लेकिन कुछ दिनों बाद सारा मोटिवेशन खत्म हो जाता है।

इसके बाद हम जो भी आदत बनना चाहते थे उसे छोड़ देते है और अपनी पुरानी लाइफ मैं वापस आ जाते है।

 इस प्रॉब्लम का सलूशन द 2 मिनट रूल है  इसकी मदद से आप कोई भी अच्छी आदत बहुत आसानी से बना सकते हो।

चलिए बात करते हैं 2 मिनट रूल की

हर 2 हफ्ते   के बाद विवेक को लगता था कि उसे अपने लाइफ में चेंज लाना चाहिए। तो वह अपने आप को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करना शुरू कर देता था।

हर 2 हफ्ते   के बाद विवेक को लगता था कि उसे अपने लाइफ में चेंज लाना चाहिए। तो वह अपने आप को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करना शुरू कर देता था।

वह बुक पढ़ता था,और मेडिटेशन करने की भी कोशिश करता था। तो उसने डिसाइड किया कि वह इसे अपनी हैबिट बनाएगा। उसके बाद के कुछ दिन काफी सही गए।  तो वह काफी मोटिवेटेड और एक्साइट फील करता था।

वह सारे काम बहुत आसानी से कर लेते।  सब करने में मजा आता था।

 लेकिन कुछ दिन और बीते हैं और उसके सो कॉल्ड न्यू हैबिट्स अब उसे जरा भी एक्साइट नहीं  करते है।

उसका सारा मोटिवेशन खत्म हो चुका होता है, तो विवेक खुद से कहता है कि कोई बात नहीं मैं इसे कल करूंगा कल भी वह मोटिवेटेड फील नहीं करता और फिर से खुद से कहता है कि कल करूंगा और फिर वह कल कल करता ही रहता है।  और वह अपनी न्यू हैबिट्स को भूल जाता है.


 सिर्फ विवेका अकेला नहीं है, हमारे साथ भी ऐसा होता है.

 लेकिन ऐसा क्यों होता है ?क्यों नई  आदते बनाना इतना मुश्किल होता है।

 एक  सच यह भी  है कि हम  नई हैबिट  बनाने के लिए बड़े टारगेट सेट कर देतो तो  हमारा माइंड इसे एक्सेप्ट नहीं करता।  वह resist  करता है शुरू में तो हम बहुत मोटिवेटेड रहते हैं और हमें सब कुछ आसान लगता है।

१ घंटे के लिए जिम जाना इतना मुश्किल नहीं लगता है।क्योकि हमरे पास इनिशियल मोटिवेशन फाॅर्स होती है। जब हम बहुत अधिक मोटिवेटेड होते है तो हम अपनी लिमिट से काफी अधिक करना लगते है।

हम सोचते हैं कि मैं कुछ दिन 1 घंटे जिम गया हूं।  तब मैं हर दिन  1 घंटे के लिए  जिम जाऊंगा।  लेकिन हमारी नई हैबिट बनने से पहले ही हमारा सारा मोटिवेशन खत्म हो जाता है। और फिर वह एक घंटा भी काफी ज्याद लगता है और हम जिम स्किप करने लगते है और धीरे धीरे जिम जाना बंद कर देते है।

हमे मोटिवेशन पर डिपेंड होने के वजाए हमे न्यू हैबिन्यू को  रियल हैबिट्स बनाने पर फोकस करना चाहिए। न्यू हैबिट्स बनाने का बड़ा  ही इफेक्टिव तरीका है वह है २ मिनट  रूल।

जब आप किताब पढ़ने की कोशिश करोगे या १ घंटा ध्यान लगने की कोशिश करोगे या 5 km  भागने की कोशिश करोगे तो आपकी नई हैबिट्स काफी मुश्किल हो जाएगी।

ज्यादतर टास्क जो आप टालते हो वो मुश्किल नहीं होते है आप उसे मुश्किल बना देते हो। २ मिनट  रूल से आप अपने ब्रेन को यहाँ मैसेज भेजते  हो जो आप हैबिट बनाना चाहते हो वह मुश्किल नहीं है।

२ मिनट  रूल को अपनाने के लिए आप को सिर्फ 2 मिनट  तक उस नई हैबिट को करो पर हर दिन करो। अगर आप इसे भी हर दिन नहीं कर सकते हो तो आप नई हैबिट्स कभी नहीं बना सकते हो। ये बुरा लग सकता है पर यही सच।

आपके गोल्स २ मिनट में पूरा नहीं होगा लेकिन इससे आपको उस चीज को करने में मदद मिल जाएगी।

एक्साम्पल के लिए अगर आप किताब पढ़ने की हैबिट बनाना चाहते हो तो हर दिन सिर्फ २ मिनट  की किताब को पढ़े। अगर आप ध्यान लगाना चाहते हो तो २ मिनट  के लिए ध्यान करो।

और फिर धीरे धीरे अपनी टाइमिंग को ज्यादा करो।

तो यहाँ एक तरीका है हैबिट्स को बनाने है।


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