Chanakya
niti in hindi चाणक्य नीति
1.
एक पंडित भी घोर कष्ट में आ जाता है यदि वह किसी मुर्ख को
उपदेश देता है, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन-पोषण करता है
या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है.
2.
दुष्ट पत्नी, झूठा मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है।
3.
व्यक्ति को आने वाली मुसीबतो से निबटने के लिए धन संचय करना
चाहिए। उसे धन-सम्पदा त्यागकर भी पत्नी की सुरक्षा करनी चाहिए। लेकिन यदि आत्मा की
सुरक्षा की बात आती है तो उसे धन और पत्नी दोनो को तुक्ष्य समझना चाहिए।
4.
उस देश मे निवास न करें जहाँ आपकी कोई ईज्जत नहीं हो,
जहा आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहा आपका कोई
मित्र नहीं और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते।
5.
अच्छा मित्र वही है जो हमे निम्नलिखित परिस्थितियों में
नहीं त्यागे:
आवश्यकता पड़ने पर, किसी
दुर्घटना पड़ने पर, जब अकाल पड़ा हो, जब
युद्ध चल रहा हो, जब हमे राजा के दरबार मे जाना पड़े,
और जब हमे समशान घाट जाना पड़े।
6.
भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त
धनराशी तथा दान देने की भावना - ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है।
7.
उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया :
१. जिसका पुत्र आज्ञांकारी है,
२. जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है, ३. जिसे अपने धन पर संतोष है।
8.
ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुह पर तो मीठी बातें करते हैं,
लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है, ऐसा करने वाले तो उस विष के घड़े के समान है जिसकी उपरी सतह दूध से भरी
है।
9.
एक बुरे मित्र पर तो कभी विश्वास ना करे। एक अच्छे मित्र पर
भी विश्वास ना करें। क्यूंकि यदि ऐसे लोग आपसे रुष्ट होते है तो आप के सभी राज से
पर्दा खोल देंगे।
10.
लाड-प्यार से बच्चों मे गलत आदते ढलती है, उन्हें कड़ी शिक्षा देने से वे अच्छी आदते सीखते है, इसलिए बच्चों को जरुरत पड़ने पर दण्डित करें, ज्यादा
लाड ना करें।
11.
प्रेम और मित्रता बराबर वालों में अच्छी लगती है, राजा के यहाँ नौकरी करने वाले को ही सम्मान मिलता है, व्यवसायों में वाणिज्य सबसे अच्छा है, अवं उत्तम
गुणों वाली स्त्री अपने घर में सुरक्षित रहती है।
12.
एक दुर्जन और एक सर्प मे यह अंतर है की साप तभी डंख मरेगा जब
उसकी जान को खतरा हो लेकिन दुर्जन पग पग पर हानि पहुचने की कोशिश करेगा .
13.
रूप और यौवन से सम्पन्न तथा कुलीन परिवार में जन्मा लेने पर
भी विद्या हीन पुरुष पलाश के फूल के समान है जो सुन्दर तो है लेकिन खुशबु रहित है.
14.
कोयल की सुन्दरता उसके गायन मे है. एक स्त्री की सुन्दरता
उसके अपने परिवार के प्रति समर्पण मे है. एक बदसूरत आदमी की सुन्दरता उसके ज्ञान
मे है तथा एक तपस्वी की सुन्दरता उसकी क्षमा शीलता मे है.
15.
कुल की रक्षा के लिए एक सदस्य का
बिलदान दें,गाव की रक्षा के लिए एक कुल का बिलदान दें, देश
की रक्षा के लिए एक गाव का बिलदान दें,
आत्मा की रक्षा के लिए देश का बलिदान दें.
16.
जिस तरह सारा वन केवल एक ही पुष्प अवं सुगंध भरे
वृक्ष से महक जाता है उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र पूरे कुल का नाम बढाता है.
17.
पांच साल तक पुत्र को लाड एवं प्यार से पालन करना चाहिए,
दस साल तक उसे छड़ी की मार से डराए. लेकिन जब वह 16 साल का हो जाए तो उससे मित्र के समान व्यवहार करे.
18.
सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है क्योंकि
एक चन्द्रमा ही रात्रि के अन्धकार को भगाता है, असंख्य तारे
यह काम नहीं करते.
19.
एक ऐसा बालक जो जन्मते वक़्त मृत था, एक
मूर्ख दीर्घायु बालक से बेहतर है. पहला बालक तो एक क्षण के लिए दुःख देता है,
दूसरा बालक उसके माँ बाप को जिंदगी भर दुःख की अग्नि में जलाता है.
20.
वह गाय किस काम की जो ना तो दूध देती है ना तो बच्चे को जन्म
देती है. उसी प्रकार उस बच्चे का जन्म किस काम का जो ना ही विद्वान हुआ ना ही
भगवान् का भक्त हुआ.
21.
यह बाते एक बार ही होनी चाहिए..
१. राजा का बोलना. २. बिद्वान व्यक्ति का बोलना ३. लड़की
का ब्याहना.
22.
यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे. लेकिन यदि
मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए.
23.
खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने
के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का
नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.
24.
वासना के समान दुष्कर कोई रोग नहीं. मोह के समान कोई शत्रु
नहीं. क्रोध के समान अग्नि नहीं. स्वरुप ज्ञान के समान कोई बोध नहीं.
25.
समुद्र में होने वाली वर्षा व्यर्थ है. जिसका पेट भरा हुआ है
उसके लिए अन्न व्यर्थ है. पैसे वाले आदमी के लिए भेट वस्तु का कोई अर्थ नहीं. दिन
के समय जलता दिया व्यर्थ है.
26.
राजा को उसके नागरिको के पाप लगते है. राजा के यहाँ काम करने
वाले पुजारी को राजा के पाप लगते है. पति को पत्नी के पाप लगते है. गुरु को उसके
शिष्यों के पाप लगते है.
27.
गधे से ये तीन बाते सीखे. १. अपना बोझा ढोना ना छोड़े. २.
सर्दी गर्मी की चिंता ना करे. ३. सदा संतुष्ट रहे.
28.
एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नहीं
बतानी चाहिए ..
१. की उसकी दौलत खो चुकी है. २. उसे क्रोध आ गया है. ३. उसकी पत्नी ने जो
गलत व्यवहार किया. ४. लोगो ने उसे जो गालिया दी. ५. वह किस प्रकार बेइज्जत हुआ है.
29.
व्यक्ति नीचे दी हुए ३ चीजो से संतुष्ट रहे...
१. खुदकी पत्नी २. वह भोजन जो विधाता ने प्रदान किया. ३. उतना धन जितना
इमानदारी से मिल गया.
30.
लेकिन व्यक्ति को नीचे दी हुई ३ चीजो से संतुष्ट नहीं होना
चाहिए...
१. अभ्यास २. भगवान् का नाम स्मरण. ३. परोपकार
31.
हाथी से हजार गज की दुरी रखे.
घोड़े से सौ की. सिंग वाले जानवर से दस की. लेकिन दुष्ट जहा हो उस जगह से
ही निकल जाए.
32.
एक शक्तिशाली आदमी से उसकी बात मानकर समझौता करे. एक दुष्ट
का प्रतिकार करे. और जिनकी शक्ति आपकी शक्ति के बराबर है उनसे समझौता विनम्रता से
या कठोरता से करे.
33.
एक राजा की शक्ति उसकी शक्तिशाली भुजाओ में है. एक ब्राह्मण
की शक्ति उसके स्वरुप ज्ञान में है. एक स्त्री की शक्ति उसकी सुन्दरता, तारुण्य और मीठे वचनों में है
34.
यदि आप शेर की गुफा में जाते हो तो आप को हाथी के माथे का
मणि मिल सकता है. लेकिन यदि आप लोमड़ी जँहा रहती है वहा जाते हो तो बछड़े की पूछ
या गधे की हड्डी के अलावा कुछ नहीं मिलेगा.
35.
यदि ज्ञान को उपयोग में ना लाया जाए तो वह खो जाता है. आदमी
यदि अज्ञानी है तो खो जाता है. सेनापति के बिना सेना खो जाती है. पति के बिना
पत्नी खो जाती है.
36.
वो कमीने लोग जो दूसरो की गुप्त खामियों को उजागर करते हुए
फिरते है, उसी तरह नष्ट हो जाते है जिस तरह कोई साप चीटियों
के टीलों में जा कर मर जाता है.
37.
इन सातो को जगा दे यदि ये सो जाए...
१. विद्यार्थी
२. सेवक ३. पथिक ४. भूखा आदमी ५. डरा हुआ आदमी ६. खजाने का रक्षक ७. खजांची
38.
इन सातो को नींद से नहीं जगाना चाहिए...
१. साप
२. राजा ३. बाघ ४. डंख करने वाला कीड़ा ५. छोटा बच्चा ६. दुसरो का कुत्ता ७. मुर्ख
39.
सुबह उठकर दिन भर जो दाव आप लगाने वाले है उसके बारे में
सोचे. दोपहर को अपनी माँ को याद करे. रात को चोरो को ना भूले.
40.
आपको इन्द्र के समान वैभव प्राप्त होगा यदि आप..अपने भगवान
के गले की माला अपने हाथो से बनाये. अपने भगवान् के लिए चन्दन अपने हाथो से घिसे.
अपने हाथो से पवित्र ग्रंथो को लिखे.
41.
जिसे अपनी कोई अकल नहीं उसकी शास्त्र क्या भलाई करेंगे. एक
अँधा आदमी आयने का क्या करेगा.
42.
अपने निकट संबंधियों का अपमान करने से जान जाती है. दुसरो का
अपमान करने से दौलत जाती है.
राजा का अपमान करने से सब कुछ जाता है. एक ब्राह्मण का अपमान करने से कुल
का नाश हो जाता है.
43.
जिसके पास में विद्या है वह शक्तिशाली है. निर्बुद्ध पुरुष
के पास क्या शक्ति हो सकती है? एक छोटा खरगोश भी चतुराई से
मदमस्त हाथी को तालाब में गिरा देता है.
44.
जो घर गृहस्थी के काम में लगा रहता है वह कभी ज्ञान प्राप्त
नहीं कर सकता. मॉस खाने वाले के ह्रदय में दया नहीं हो सकती. लोभी व्यक्ति कभी
सत्य भाषण नहीं कर सकता. और एक शिकारी में कभी शुद्धता नहीं हो सकती.
45.
एक विद्यार्थी पूर्ण रूप से निम्न लिखित बातो का त्याग करे.
१. काम
२. क्रोध ३. लोभ ४. स्वादिष्ट भोजन की अपेक्षा. ५. शरीर का शृंगार ६. अत्याधिक
जिज्ञासा ७. अधिक निद्रा ८. शरीर निर्वाह के लिए अत्याधिक प्रयास.
46.
एक गुणवान व्यक्ति को वह सब कुछ दान में देना चाहिए जो उसकी
आवश्यकता से अधिक है. केवल दान के कारण ही कर्ण, बाली और
राजा विक्रमादित्य आज तक चल रहे है. देखिये उन मधु मख्खियों को जो अपने पैर दुखे
से धारती पर पटक रही है. वो अपने आप से कहती है " आखिर में सब चला ही गया.
हमने हमारे शहद को जो बचा कर रखा था, ना ही दान दिया और ना
ही खुद खाया. अभी एक पल में ही कोई हमसे सब छीन कर चला गया."
47.
वे लोग जो इस दुनिया में सुखी है. जो अपने संबंधियों के
प्रति उदार है. अनजाने लोगो के प्रति सह्रदय है. अच्छे लोगो के प्रति प्रेम भाव
रखते है. नीच लोगो से धूर्तता पूर्ण व्यवहार करते है. विद्वानों से कुछ नहीं
छुपाते. दुश्मनों के सामने साहस दिखाते है. बड़ो के प्रति विनम्र और पत्नी के
प्रति सख्त है.
14.
कोयल की सुन्दरता उसके गायन मे है. एक स्त्री की सुन्दरता
उसके अपने परिवार के प्रति समर्पण मे है. एक बदसूरत आदमी की सुन्दरता उसके ज्ञान
मे है तथा एक तपस्वी की सुन्दरता उसकी क्षमा शीलता मे है.
15.
कुल की रक्षा के लिए एक सदस्य का
बिलदान दें,गाव की रक्षा के लिए एक कुल का बिलदान दें, देश
की रक्षा के लिए एक गाव का बिलदान दें,
आत्मा की रक्षा के लिए देश का बलिदान दें.
16.
जिस तरह सारा वन केवल एक ही पुष्प अवं सुगंध भरे
वृक्ष से महक जाता है उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र पूरे कुल का नाम बढाता है.
17.
पांच साल तक पुत्र को लाड एवं प्यार से पालन करना चाहिए,
दस साल तक उसे छड़ी की मार से डराए. लेकिन जब वह 16 साल का हो जाए तो उससे मित्र के समान व्यवहार करे.
18.
सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है क्योंकि
एक चन्द्रमा ही रात्रि के अन्धकार को भगाता है, असंख्य तारे
यह काम नहीं करते.
19.
एक ऐसा बालक जो जन्मते वक़्त मृत था, एक
मूर्ख दीर्घायु बालक से बेहतर है. पहला बालक तो एक क्षण के लिए दुःख देता है,
दूसरा बालक उसके माँ बाप को जिंदगी भर दुःख की अग्नि में जलाता है.
20.
वह गाय किस काम की जो ना तो दूध देती है ना तो बच्चे को जन्म
देती है. उसी प्रकार उस बच्चे का जन्म किस काम का जो ना ही विद्वान हुआ ना ही
भगवान् का भक्त हुआ.
21.
यह बाते एक बार ही होनी चाहिए..
१. राजा का बोलना. २. बिद्वान व्यक्ति का बोलना ३. लड़की
का ब्याहना.
22.
यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे. लेकिन यदि
मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए.
23.
खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने
के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का
नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.
24.
वासना के समान दुष्कर कोई रोग नहीं. मोह के समान कोई शत्रु
नहीं. क्रोध के समान अग्नि नहीं. स्वरुप ज्ञान के समान कोई बोध नहीं.
25.
समुद्र में होने वाली वर्षा व्यर्थ है. जिसका पेट भरा हुआ है
उसके लिए अन्न व्यर्थ है. पैसे वाले आदमी के लिए भेट वस्तु का कोई अर्थ नहीं. दिन
के समय जलता दिया व्यर्थ है.
26.
राजा को उसके नागरिको के पाप लगते है. राजा के यहाँ काम करने
वाले पुजारी को राजा के पाप लगते है. पति को पत्नी के पाप लगते है. गुरु को उसके
शिष्यों के पाप लगते है.
27.
गधे से ये तीन बाते सीखे. १. अपना बोझा ढोना ना छोड़े. २.
सर्दी गर्मी की चिंता ना करे. ३. सदा संतुष्ट रहे.
28.
एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नहीं
बतानी चाहिए ..
१. की उसकी दौलत खो चुकी है. २. उसे क्रोध आ गया है. ३. उसकी पत्नी ने जो
गलत व्यवहार किया. ४. लोगो ने उसे जो गालिया दी. ५. वह किस प्रकार बेइज्जत हुआ है.
29.
व्यक्ति नीचे दी हुए ३ चीजो से संतुष्ट रहे...
१. खुदकी पत्नी २. वह भोजन जो विधाता ने प्रदान किया. ३. उतना धन जितना
इमानदारी से मिल गया.
30.
लेकिन व्यक्ति को नीचे दी हुई ३ चीजो से संतुष्ट नहीं होना
चाहिए...
१. अभ्यास २. भगवान् का नाम स्मरण. ३. परोपकार
31.
हाथी से हजार गज की दुरी रखे.
घोड़े से सौ की. सिंग वाले जानवर से दस की. लेकिन दुष्ट जहा हो उस जगह से
ही निकल जाए.
32.
एक शक्तिशाली आदमी से उसकी बात मानकर समझौता करे. एक दुष्ट
का प्रतिकार करे. और जिनकी शक्ति आपकी शक्ति के बराबर है उनसे समझौता विनम्रता से
या कठोरता से करे.
48.
हमारे शारीर नश्वर है. धन में तो कोई स्थायी भाव नहीं है.
म्रत्यु हरदम हमारे निकट है. इसीलिए हमें तुरंत पुण्य कर्म करने चाहिए.
49.
जो दुसरे के पत्नी को अपनी माता मानता है, दुसरे को धन को मिटटी का ढेला, दुसरे के सुख दुःख को
अपने सुख दुःख. उसी को सही दृष्टी प्राप्त है और वही विद्वान है.
50.
जिसे दौलत, अनाज और विद्या अर्जित करने
में और भोजन करने में शर्म नहीं आती वह सुखी रहता है.
51.
इस धरती पर अन्न, जल और मीठे वचन ये
असली रत्न है. मूर्खो को लगता है पत्थर के टुकड़े रत्न है
52.
जो व्यक्ति बुद्धिमान है वह निम्न लिखित बाते किसी को
ना बताये...
वह औषधि उसने कैसे बनायीं जो अच्छा काम कर रही है. वह परोपकार जो उसने
किया. उसके घर के झगडे.
उसकी उसके पत्नी के साथ होने वाली व्यक्तिगत बाते. उसने जो ठीक से न पका
हुआ खाना खाया. जो गालिया उसने सुनी.
53.
मुझे वह दौलत नहीं चाहिए जिसके लिए कठोर यातना सहनी पड़े,
या सदाचार का त्याग करना पड़े या अपने शत्रु की चापलूसी करनी पड़े.
54.
इस दुनिया के वृक्ष को दो मीठे फल लगे है. मधुर वचन और
सत्संग.
55.
जिसका ज्ञान किताबो में सिमट गया है और जिसने अपनी दौलत
दुसरो के सुपुर्द कर दी है वह जरुरत आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तमाल नहीं कर सकता.
56.
चन्दन कट जाने पर भी अपनी महक नहीं छोड़ते. हाथी बुढा होने
पर भी अपनी लीला नहीं छोड़ता. गन्ना निचोड़े जाने पर भी अपनी मिठास नहीं छोड़ता.
उसी प्रकार ऊँचे कुल में पैदा हुआ व्यक्ति अपने उन्नत गुणों को नहीं छोड़ता भले ही
उसे कितनी भी गरीबी में क्यों ना बसर करना पड़े.
57.
वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव
दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है,
वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते है. क्यों की तप से
ऊपर कुछ नहीं.
58.
वह इंद्र के राज्य में जाकर क्या सुख भोगेगा....
जिसकी पत्नी प्रेमभाव रखने वाली और सदाचारी है. जिसके पास में संपत्ति है.
जिसका पुत्र सदाचारी और अच्छे गुण वाला है. जिसको अपने पुत्र द्वारा पौत्र हुए है.
59.
जो व्यक्ति गुणों से रहित है लेकिन जिसकी लोग सराहना करते है
वह दुनिया में काबिल माना जा सकता है. लेकिन जो
आदमी खुद की ही डींगे हाकता है वो अपने आप को दुसरे की नजरो में गिराता है भले ही
वह स्वर्ग का राजा इंद्र हो
60.
मुझे वह दौलत नहीं चाहिए जिसके लिए कठोर यातना सहनी पड़े,
या सदाचार का त्याग करना पड़े या अपने शत्रु की चापलूसी करनी पड़े.
61.
सभी जीव मीठे वचनों से आनंदित होते है. इसीलिए हम सबसे मीठे
वचन कहे. मीठे वचन की कोई कमी नहीं है.
62.
इस दुनिया के वृक्ष को दो मीठे फल लगे है. मधुर वचन और
सत्संग.
63.
गरीबी, दुःख और एक बंधी का जीवन यह सब
व्यक्ति के किए हुए पापो का ही फल है.
64.
पानी पर तेल, एक कमीने आदमी को बताया
हुआ राज, एक लायक व्यक्ति को दिया हुआ दान और एक बुद्धिमान
व्यक्ति को पढाया हुआ शास्त्रों का ज्ञान अपने स्वभाव के कारण तेजी से फैलते है
65.
हमें अभिमान नहीं होना चाहिए जब हम ये बाते करते है..
१. परोपकार २. आत्म संयम ३. पराक्रम ४. शास्त्र का ज्ञान हासिल करना. ५.
विनम्रता ६. नीतिमत्ता
यह करते वक़्त अभिमान करने की इसलिए जरुरत नहीं क्यों की दुनिया बहुत कम
दिखाई देने वाले दुर्लभ रत्नों से भरी पड़ी है.
66.
यदि हम किसी से कुछ पाना चाहते है तो उससे ऐसे शब्द बोले
जिससे वह प्रसन्न हो जाए. उसी प्रकार जैसे एक शिकारी मधुर गीत गाता है जब वह हिरन
पर बाण चलाना चाहता है.
67.
जो व्यक्ति राजा से, अग्नि से, धर्म गुरु से और स्त्री से बहुत परिचय बढ़ाता है वह विनाश को प्राप्त होता
है. जो व्यक्ति इनसे पूर्ण रूप से अलिप्त रहता है, उसे अपना
भला करने का कोई अवसर नहीं मिलता. इसलिए इनसे सुरक्षित अंतर रखकर सम्बन्ध रखना
चाहिए.
68.
कुसंग का त्याग करे और संत जानो से मेलजोल बढाए. दिन और रात
गुणों का संपादन करे. उसपर हमेशा चिंतन करे जो शाश्वत है और जो अनित्य है उसे भूल
जाए.
69.
हाथी का शरीर कितना विशाल है लेकिन एक छोटे से अंकुश से
नियंत्रित हो जाता है.
एक दिया घने अन्धकार का नाश करता है,
क्या अँधेरे से दिया बड़ा है. एक कड़कती हुई बिजली एक पहाड़ को तोड़
देती है, क्या बिजली पहाड़ जितनी विशाल है. जी नहीं. बिलकुल
नहीं. वही बड़ा है जिसकी शक्ति छा जाती है. इससे कोई फरक नहीं पड़ता की आकार कितना
है.
70.
जो घर गृहस्थी के काम में लगा रहता है वह कभी ज्ञान प्राप्त
नहीं कर सकता. मॉस खाने वाले के ह्रदय में दया नहीं हो सकती. लोभी व्यक्ति कभी
सत्य भाषण नहीं कर सकता. और एक शिकारी में कभी शुद्धता नहीं हो सकती.
71.
आप चाहे सौ बार पवित्र जल में स्नान करे, आप अपने मन का मैल नहीं धो सकते. उसी प्रकार जिस प्रकार मदिरा का पात्र
पवित्र नहीं हो सकता चाहे आप उसे गरम करके सारी मदिरा की भाप बना दे.
72.
जो व्यक्ति एक साल तक भोजन करते समय भगवान् का ध्यान करेगा
और मुह से कुछ नहीं बोलेगा उसे एक हजार करोड़ वर्ष तक स्वर्ग लोक की प्राप्ति
होगी.
73.
शेर से एक बात सीखे. बगुले से एक. मुर्गे से चार. कौवे से
पाच. कुत्ते से छह. और गधे से तीन.
74.
शेर से यह बढ़िया बात सीखे की आप जो भी करना चाहते हो एकदिली
से और जबरदस्त प्रयास से करे|
75.
बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में
करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान
रखते हुए पूर्ण करे.
76.
मुर्गे से हे चार बाते सीखे...
१. सही समय पर उठे. २. नीडर बने और लढ़े. ३. संपत्ति का रिश्तेदारों से
उचित बटवारा करे. ४. अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करे.
77.
कौवे से ये पाच बाते सीखे... १. अपनी पत्नी के साथ एकांत में
प्रणय करे. २. नीडरता ३. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. ४. सभी ओर दृष्टी घुमाये. ५.
दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे.
78.
कुत्ते से ये बाते सीखे १. बहुत भूख हो पर खाने को कुछ ना
मिले या कम मिले तो भी संतोष करे. २. गहरी नींद में हो तो भी क्षण में उठ जाए. ३.
अपने स्वामी के प्रति बेहिचक इमानदारी रखे ४. नीडरता.
79.
गधे से ये तीन बाते सीखे. १. अपना बोझा ढोना ना छोड़े. २.
सर्दी गर्मी की चिंता ना करे. ३. सदा संतुष्ट रहे.
80.
जो व्यक्ति इन बीस गुणों पर अमल करेगा वह जो भी करेगा सफल
होगा |
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